बुधवार, 23 जून 2010

क्या आप भी बन रहे है अपने डॉक्टर!!

बुखार है तो बुखार की गोली खा लें। कान में अचानक से दर्द हो रहा है तो गर्म सरसों का तेल डाल ले। हम अपने आप ही हर समस्या का इलाज खुद से करना ज्यादा बेहतर विकल्प समझते हैं. पर कितना सुरक्षित है अपना इलाज खुद करना. कहीं ऐसा तो नही कि डॉक्टर बन किसी नयी मुसीबत को न्योता दे रहे है. आएये डालते है एक नजर : -

क्या एसी गलतियाँ है जो हम खुद के डॉक्टर बन करते है : -
  • बिना सलाह के दवाई का सेवन - यह गलती अक्सर हम सभी करते है। जरा सा दर्द नहीं होता है कि हम झट से दवाई खा लेते है. किस उम्र के लिए कितनी डोज ठीक है या वह दवाई बच्चों को देनी है या नहीं, हम इस विषय में सोचते ही नहीं है. जबकि यह खतरनाक भी साबित हो सकता है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई का सेवन न करें।
  • कान में दर्द होने पर तेल डालना - यह दादी माँ का सबसे पुराना नुस्खा है. अक्सर कान में दर्द होने पर हम कान में सरसों का गर्म तेल डालकर रुई लगा लेते है. मगर यदि आप किसी भी ईएनटी स्पेशलिस्ट की माने तो कान के भीतर कभी भी कोई चिपचिपी चीज नही डालनी चाहिए. अगर जरूरत हो तो आप इयर ड्रॉप का प्रयोग निर्देशानुसार क्र सकते है।
  • बच्चों को टोनिक देते समय मात्रा का ध्यान न देना - अक्सर कोई भी लिक्विड दवाई को देते समय हम उसकी मात्रा को ध्यान में नहीं रखते है। उसमें मेजरमेंट टॉप देने पर भी हम अक्सर किचन की किसी भी चम्मच से उसे टोनिक पिला देते है जोकि सुरक्षित नहीं है. इससे ओवर डोज होने कि आशंकाए भी हो सकती है।
  • किसी भी स्किन क्रीम प्रयोग करना - आप विज्ञापन में किसी प्रकार की स्किन परेशानी के बारें में देखते है और उसमे प्रयोग में लायी जाने क्रीम को बिना सलाह के ही प्रयोग कर लेते है। कई बार ऐसे ही बिना चेक किये, ब्यूटी उत्पाद के प्रयोग के कारण आपकी स्किन को भारी नुक्सान उठाना पड़ सकता है।
  • आई एंड नोस ड्रॉप का प्रयोग करना - क्या आप जानते है कि बिना डॉक्टर के प्रिस्क्राइब किये ही आई एंड नोस ड्रॉप का प्रयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है ?
  • किसी की भी प्रिस्क्रिपशन के आधार पर स्वयं दवाई खरीदना - आपके मित्र के दूर के रिश्ते की बहन को कुछ-कुछ वेसी ही समस्या है जेसी आपको है। ऐसा सभी कहते है। आप भी बिना सोचे समझे उसकी प्रिस्क्रिपशन मंगा कर उनकी दवाइयों का सेवन करने लगते है। जबकि वास्तविकता यह है की हजारों ऐसी बीमारियाँ है जिनके लक्षण एक जेसे ही होते है. पर इसका यह अर्थ बिलकुल भी नही की आप भी उन दवाइयों का सेवन शुरू कर दें।
  • डॉक्टर के पास खुद न जाकर किसी अन्य व्यक्ति को भेजना -आप जा नही सकते है इसलिए अपने घर के किसी भी सदस्य को डॉक्टर के पास भेज कर अपना इलाज करा लेते है। पर आपको लगता है कि डॉक्टर बिना रोगी को चेक किये दवाई दे पाते होंगे. रोगी यदि स्वयं डॉक्टर के पास न जाये तो हो सकता है कि डॉक्टर आपकी परेशानी को पूरी तरह से समझ न पाए और आपका इलाज न कर पाए।
  • हर व्यक्ति की सलाह पर दवाइयों का सेवन करना - एक काम करें की आप यह नही बल्कि फलां दवाई का सेवन करें। आपको किसी ने यह सुझाव दिया और आपने भी बिना सोचे समझे उस दवाई का सेवन कर लिया. आपकी जरा सी नासमझी की वजह आपको बहुत बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए ऐसी बचकानी बातें करना बंद करें।
याद रहें कि डॉक्टर इसलिए होते है ताकि वे स्वाथ्य समस्याओं का इलाज कर सकें. खुद को डॉक्टर समझने कि गलती बिलकुल न करें, वर्ना आपको भविष्य में बहुत बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

रविवार, 13 जून 2010

ब्लड कोलेस्ट्रोल को कम करें -

कोलेस्ट्रोल, एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या जो अब आम बनती जा रही है। आईये, कोलेस्ट्रोल को कम करने के कुछ घरेलू नुस्खो पर एक नजर डालते है।
  • अपने नाश्ते में ओट्स को शामिल करें। ओट्स में पायें जाने वाले फायबर आसानी से पचते है। इन्हें बीटा ग्लुकन कहा जाता है और ये एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
  • जब भी स्नैक खाने का मन करें तब एक गिलास पानी पियें।
  • खाली पेट पीसे लहसुन की फांक खाएं। लहसुन में एंटी ओक्सिडेंट होते है जोकि आपके एलडीएल अर्थात खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है। अगर आप लहसुन को ऐसे नही खा सकते है तो आप उसकी जगह बाजार में मिलने वाले लहसुन के कैप्सूल का सेवन भी कर सकते है।
  • वैसे तो सभी फल कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक होते है मगर इसमें सेब बहुत ही लाभकारी साबित होता है।
  • स्नैकिंग करना चाहते है तो बादाम को अपना विकल्प चुने। बादाम ख़राब कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि काली मिर्च कि नियमित सेवन करने से भी कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है।