शुक्रवार, 30 मार्च 2012

कैसे रखें तंदरुस्ती कायम



यदि आप चाहती हैं कि आप फिट रहें ताकि आप अपने कैरियर और परिवार को अच्छी तरह कर संभाल सकें, तो इसके लिए आपको अपनी अतिरिक्त देखभाल करनी होगी। आइए जानें कुछ टिप्स जिनको अपनाकर आप सेहतमंद और चुस्त-दुरुस्त रह सकती हैं।

व्यायाम का फंडाः

सेहतमंद रहने का सबसे आसान और ब-िसजय़या उपाय है व्यायाम। आप अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें। इसके लिए आपको सुबह-सुबह 30 से 45 मिनट टहलना चाहिए और कुछ व्यायाम भी करने चाहिए, जिससे आपमें चुस्ती बनी रहें और आप बीमारियों से भी बची रहें।

मोटापे से रहें सजगः

फिट रहने के लिए वजन पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि मोटापा कई बीमारियों की जड़ होता है। इसीलिए आपको चाहिए कि यदि आपका वजन ब-सजय़ा हुआ है या आप मोटी हैं, तो आप वजन कम करने के लिए नियमित अतिरिक्त व्यायाम करें, साथ ही शारीरिक सक्रियता ब-सजय़ाएं।

पानी रखें हमेशा साथः

सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर पानी पीएं और अधिक से अधिक तरल पदार्थ जैसे जूस, सूप, नींबू पानी इत्यादि लें।

खाने का हो डाईट चार्टः

आप को सेहतमंद रहने के लिए अपना डाईट चार्ट बनाना होगा, जिसके तहत आप कम कैलोरीज और अधिक पौष्टिक भोजन को शामिल करेंगी। ऐसे में आप प्रतिदिन पूरे दिन में कम से कम 2000 कैलोरीज ले सकती हैं। डायट चार्ट में आप सुबह का नाश्ता पर्याप्त और रात का हल्का रखने का प्रयास करें।

पोषक तत्वों का रखें ख्यालः

महिलाओं को प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है। ऐसे में आपको प्रतिदिन दूध पीना चाहिए। आप चाहे तो पनीर और अंडे का सेवन भी कर सकती हैं। इससे आपको प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में मिलेगा।

डाईट में शामिल करें हरी सब्जियांः

महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि वे अपनी डाइट में हरी सब्जियां, सलाद, मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें। इससे न सिर्फ वे सेहतमंद रह सकती हैं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी ब-सजय़ेगी और रोग उनसे दूर रहेंगे।

जंकफूड से करें तौबाः

फिट रहने के लिए आपको चटपटे और मसालेदार खाने को छोड़ना चाहिए। इसके साथ ही आपको जंकफूड और बाहर के खाने को भी भूलना होगा, तभी आप फिट रह पाएंगी।

अपने लिए समय निकालें

जब खुद के लिए समय नही होता तो ऐसे में आप तनाव में आ सकती हैं। इसके लिए सबसे अच्छा है आप अपने ऐसे शौक को पूरा करें जिससे आपको शांति मिलती हो। यदि आप संगीत सुनने, डांस करने, कोई गेम खेलने इत्यादि का शौक रखती हैं, तो उसे पूरा करें। इससे आप पाएंगी कि तनाव खुद-ब- खुद आपसे दूर हो रहा है।

खुद को एक्टिव रखेंः

स्वस्थ रहने के लिए आपको शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी हैं। इसके साथ ही यदि आपको बेड टी की आदत है तो इसे भी आपको बदलना होगा। दूध वाली चाय के बजाय, ग्रीन टी, लेमन टी इत्यादि लेना चाहिए।

ये बात सही है कि आज जीने के लिए अतिरक्ति प्रयास करने की जरूरत होती है और जरूरत ने आप सबको इतना व्यस्त बना दिया है। लेकिन ऐसे में अगर आप स्टोरी में बतायी गई कुछ चीजों को अपना लेगीं तो वाकई आप काफी हद तक अपने आपको और आपने परिवार को स्वस्थ्य रख पायेंगी।

मंगलवार, 20 मार्च 2012

फ़ूड जो बदल दे मूड



क्या आपने कभी सोचा है कि जरा-सी बहस पर आपको गुस्सा
क्यों आ जाता है? क्यों कुछ लोग अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर
पाते हैं? जबकि आपने तमाम ऐसे लोग भी देखे होंगे, जो लोगों
के लाख भला-बुरा कहने के बावजूद बिल्कुल शांत रहते हैं और
उन्हें गुस्सा भी नहीं आता। अगर चाइनीज माइक्रोबायोटिक
डाइट की फिलॉसफी मानें, तो हम जो भी खाते हैं, वह हमारे
मूड, इमोशन और फिलिंग को प्रभावित करता है। इतना ही
नहीं, आप अपनी डाइट से यह जान सकते हैं कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं।

इमोशंस पर फूड इफेक्ट

भले ही तनावपूर्ण स्थिति आपके कंट्रोल में ना हो, लेकिन आप
कुछ चीजों को ध्यान में रखकर इसे कंट्रोल कर सकते हैं। मान
लीजिए, आप गुस्सैल किस्म के इंसान हैं। ऐसे में हमारे लिए
समझने वाली बात यह है कि माइक्रोबायोटिक डाइट के मुताबिक
लीवर और गुस्से का सीधा संबंध है। अगर आप अपनी डाइट में
लाल मीट, मक्खन और प्रोसेस्ड फूड लेते हैं, तो इससे लीवर ठीक
से काम नहीं कर पाता है। लीवर के ठीक से काम ना करने से आपको
स्ट्रेस व चिड़चिड़ापन की शिकायत होने लगती है। इससे आपके अंदर
नेगेटिव इमोशंस आते हैं।

अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में हैं, तो इसका असर पेंक्रियाज और
स्प्लीन पर पड़ता है। स्ट्रेस को दूर करने के लिए आप अल्कोहल, कॉफी
व चाय ज्यादा लेने लगते हैं। इसके चलते आपकी बॉडी में इंसुलिन का
लेवल कम हो जाता है, जो आपकी हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता। जाहिर
है, आपको ऐसा कुछ नहीं खाना या पीना चाहिए, जो इंसुलिन को कम
करने वाला हो। आप अपनी डाइट में फल व सब्जियां शामिल करें। इससे
आपकी बॉडी में इंसुलिन का लेवल सामान्य रहेगा। यह सही है कि आप
एक दिन में अपनी सेहत दुरुस्त नहीं कर सकते, लेकिन इसमें कोई दो
राय नहीं कि अगर आप अपना डाइट पैटर्न चेंज करते हैं, तो इसका
पॉजिटिव असर आपको जल्द दिखेगा।

खाने में लगाएं दिमाग





अक्सर लोग स्वाद या मूड ठीक करने के चक्कर में ओवर ईटिंग कर जाते हैं, लेकिन जरूरी है कि खाने में भी हम अपना दिमाग जरूर लगाएं। जानते हैं कुछ टिप्स :
खाने की सभी की आदतें भले ही अलग हों, लेकिन कहीं न कहीं ये मैच जरूर करती हैं। अब बताएं कि क्या आप खुद को अपनी फेवरिट डिश एक्सट्रा खाने से रोक पाते हैं या फिर मूड ऑफ होने या बोरियत में कैलरी वाली चीजें एंजॉय नहीं करते? बस यहीं आकर जरूरत पड़ती है कि हम खाने में इमोशंस या स्वाद को हावी न होने दें और इसमें दिमाग लगाएं।


क्यों खाते हैं हम

यह जानना बहुत जरूरी है कि हम क्यों खाते हैं? बेशक इसकी जरूरत बॉडी को नरिशमेंट देने के लिए है और इसलिए भी कि इससे हमें एनर्जी और स्टैमिना मिलता है। हालांकि गौर करने पर आप पाएंगे कि खाना हम और भी सिचुएशंस में खाते हैं। जब हमारा मूड ऑफ होता है, हम बोर हो रहे होते हैं, किसी चिंता में होते हैं या स्टे्रस हम पर हावी होता है या फिर खाना हमें बहुत टेस्टी लगता है। अब यह बात और है कि ऐसी स्थिति में हम ईटिंग की बजाय ओवरईटिंग ही कर रहे होते हैं।


खाने में दिमाग लगाएं

आप ओवरईटिंग अवॉइड करना चाहते हैं और आपकी यह भी कोशिश है कि आपकी डाइट बैलेंस्ड रहे, तो बेहतर होगा कि आप अपने दिमाग की सुनें। यही नहीं, दिमाग को आदत डालें कि वह आपकी बॉडी की जरूरत के हिसाब से ही खाना खाने का सिग्नल दे। मसलन अगली बार खाने से पहले यह जरूर सोचें कि यह हम भूख लगने पर खा रहे हैं या फिर बोरियत में, थकान में, टेंशन में या किसी को कंपनी देने के लिए? कई बार हमें ट्रडिशंस के चलते भी कुछ चीजें यूं ही खानी पड़ती हैं। ऐसे में आप सिचुएशन पर ईमानदारी से गौर करें और सिर्फ भूख लगने पर ही खाएं। आप चाहें तो कुछ बातों पर गौर भी कर सकते हैं :

- बॉडी स्कैन करें

यह चेक करें कि आपकी बॉडी रिलैक्स्ड है या नहीं ? आपका पेट भरा हुआ फील कर रहा है या खाली। बता दें कि रिलैक्स होने पर खाने से सिर्फ खाना अच्छी तरह पचता है , बल्कि आप ओवरईटिंग से भी बचते हैं।

- छोटी प्लेट उठाएं

जब भी प्लेट में खाना डालने की बारी आए , तो सलाद या एपैटाइजर सर्व करने वाली प्लेट उठाएं। अगर आप अपनी प्लेट का सारा खाना खत्म करने वाले रूल को फॉलो करते हैं , तो प्लेट का साइज घटाकर आप अपनी ईटिंग को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

- शांत माहौल में खाएं

खाना कभी भी टीवी देखते हुए , ड्राइव करते हुए , फोन पर बात करने के दौरान या फिर ऑफिस में अपनी सीट पर बैठकर खाएं। कोशिश करें कि कुछ दिन खाना आप अकेले शांत माहौल में खाएं। इस तरह आपका पूरा फोकस खाने पर रहेगा और दूसरी चीजें आपके ध्यान को भटकाएंगी नहीं।

- खूब चबाएं खाना

क्या आपको याद है कि आपने आखिरी बार अच्छी तरह चबा - चबाकर खाना कब खाया था और हर बाइट का टेस्ट कैसा था ? अगर नहीं , तो अपने खाने को अच्छी तरह चबाने की आदत डालें। इससे आपको खाने का असली स्वाद पता लगने के साथ डाइट पर आपका कंट्रोल भी बनेगा।

- धीरे खाएं

खाने पर एकदम अटैक करने की बजाय इसे धीरे - धीरे खाने की आदत डालें। खाने के बीच में चम्मच नीचे रख दें और थोड़ा पानी पीएं। स्पीड कम करने पर आप कम और बैलेंस्ड चीजें खाएंगे।

- खुद पर करें कंट्रोल

खाने के दौरान खुद पर कंट्रोल रखना जरूरी है। मान लें कि आपको बहुत जोर की भूख लगी है। ऐसे में आप इसे 1-10 के स्केल पर नोट कर लें। अगर एक एकदम लाइट डाइट हो , तो 10 को इतना खाने की पोजिशन मानें कि आपका पेट फटने वाली स्थिति में जाए। ऐसे में आप पांच पॉइंट के आसपास खाना खाना रोक दें। यह ध्यान में रखकर चलें कि भूख से थोड़ा कम खाने का मतलब ही नरिशमेंट वाली डाइट है। इससे ऊपर जाने पर आप ओवरईटिंग करेंगे।

- खाना छोड़ दें

जब आप पांच के पॉइंट पर पहुंच जाए , तो खाना छोड़ दें। इसके लिए अगर शुरुआत में आपको प्लेट खाना छोड़ना भी पड़े , तो इससे भी परहेज करें। बाद में आप खुद ही प्लेट में लिमिट में खाना डालना सीख जाएंगे।

- दूसरी बार से पहले

अगर आप अपनी प्लेट में दूसरी बार खाना डालने जा रहे हैं , तो पहले 15 मिनट रुकें। इस तरह आप खुद को ओवरईटिंग से बचा लेंगे

सोमवार, 19 मार्च 2012

जाती सर्दी और बदलता मोसम


गर्म हवा और तेज धूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सर्दी का अलविदा हो गया है। इन दिनों में मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों के खान-पान के साथ-साथ रहन-सहन में भी काफी बदलाव आया है। पंखों का चलना, फ्रिज में पानी की बोतले रखना, जूस व आइसक्रीम पार्लर्स पर भीड़ का होना समेत कई ऐसी बातें हैं जो गर्मी की आहट को बयां करती है। युवा टीश्र्ट और शाॅर्ट में दिखाई देने लगे हैं। गर्म कपड़ों को अलविदा कह दिया गया है। लेकिन सर्दी से गर्मी की ओर दस्तक देता यह मौसम कई बीमारियों की सौगात भी साथ लेकर आता है। ऐसे में बदलते मौसम में किस तरह अपनी सेहत का ध्यान रखें, यह जानने के लिए हमने बात की वरिष्ठ चिकित्सक डा. मनोज जैन से। मौसम में बदलाव के साथ ही दिन में गर्मी और रात में सर्दी का अहसास हो रहा हैं। बदलते मौसम में लोगों को मौसमी बीमारियों का शिकार होने का खतरा भी ब-सजय़ गया है। वरिष्ठ चिकित्सक डा. जैन का कहना है, ऐसे मौसम में जरा सी भी लापरवाही बीमारी को दावत दे सकती है। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।

मौसम में आया परिर्वतन आपको जुकाम, खांसी, बुखार व सांस का रोगी बना सकता है। गर्मी और सर्दी के मौसम का बच्चों से लेकर सभी वर्ग के लोगों पर इसका असर पड़ता है। शुगर व ब्लड प्रैसर के मरीजों को हर्ट अटैक होने की संभावना ऐसे मौसम में ब-सजय़ जाती है। डा. जैन बताते हैं कि ऐसे मौसम में जो लोग सुबह-सुबह सैर पर निकलते हैं या फिर रात को लेट घर पहुंचते हैं वो ऐसे मौसम में बीमारी का शिकार हो सकते हैं।

ऐसे में क्या हो खान-पान-

बदलते मौसम में खान-पान में थोड़ी सी भी लापरवाही सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए इस मौसम में अपने खान- पान पर विशेष ध्यान दें। डाइटीशियन नम्रता जैन ने बताया कैसा हो बदलते मौसम में खान-पान -

इस मौसम में इंफेक्शन का डर रहता है। इसलिए बहुत ठंडी चीजों को अवॉइड करें।

ठंडे पेय में नारियल पानी, शिकंजी और छाछ आदि चीजों का प्रयोग करें।

बाहर के जूस को अवॉइड करें और मौसमी फल ज्यादा से ज्यादा खाएं।

एकदम से फ्रिज की चीजों को खाना शुरू न करें क्योंकि अभी ये आपको नुकसान दे सकती हैं। कुछ समय बाहर रखकर रूम टेम्परेचर के अनुसार खाएं।

खाने में सभी तरह की दालें व सीजनल सब्जियां को जरूर शामिल करें।

ड्राइ फ्रूट्स, मूंगफली, गुड़, तिल आदि का सेवन कम कर दें।

खीरे को सलाद के तौर पर खाने में शामिल करें। क्योंकि इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।

ऑयली व स्पाइसी खाना न खाएं।

कैसे हों बदलते मौसम में कपड़े

मौसम में सुबह शाम की ठंड रह गयी है ऐसे में हम अपने कपड़ों और पहनावे पर ध्यान नही देते क्योंकि हमें लगता है कि अब तो ठंड चली गयी गर्म कपड़ों को एकदम से छोड़ देते हैं। जोकि बदलते मौसम में शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है।

सुबह शाम गर्म कपड़ो को पहनना न छोड़ें क्योंकि इससे आपको ठंड परेशान कर सकती है।

अगर आपको आॅफिस से घर आने में लेट होना पड़ता है तो अपने साथ गर्म कपड़े अवश्य रखें।

एकदम से बिल्कुल हल्के कपड़े पहनना शुरू ना करें क्योकि बदलते मौसम में आपके शरीर को इसकी आदत नही होती है और आप बीमार पड़ सकते हैं।

बदलते मौसम के साथ करें घर और आॅफिस में बदलाव

मौसम बदल रहा है आॅफिस में भी थोड़ी गर्मी महसूस हो रही है। ऐसे में आॅफिस में एकदम से बदलाव न करें।

आॅफिस के एसी का तापमान बाहर के तापमान के हिसाब से ही मेंटेंन करके रखें। अगर आपने एसी का तापमान एकदम से डाउन कर दिया तो इससे आप नजले का शिकार हो सकते हैं।

पंखे को एकदम से फुल स्पीड में न चलायें शुरूआत के दिनों में पंखे की स्पीड स्लो रहने दें।

अगर आप आॅफिस या घर में अपने एसी का तापमान बहुत नीचे रख रहे हैं तो एकदम से बाहर न निकलें 5-10 मिनट नाॅर्मल टेम्परेचर में रहें फिर बाहर निकलें। इससे आपके शरीर का तापमान थोड़ा नाॅर्मल हो जाता है।

एकदम से कुलर का प्रयोग न करें।

ठंड से गर्म और गर्म से एकदम ठंड के मौसम में रहने से बचें। तबीयत खराब होने पर तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें।

इन बातों का रखें ख्याल

फ्रिज का पानी न पिएं

सुबह और शाम कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन न करें।

रात को चद्दर ओ-सजय़कर सोएं।

मटके को खुली हवा में रखकर फ्रिज के बजाय इस पानी का प्रयोग करें।

जल्दी ठंड लगती हो तो ठंडे के बजाय गुनगुने पानी से ही नहाएं।

आइसक्रीम, दही, कोल्डड्रिंक आदि ठंडी चीजों का प्रयोग रात में न करें।


राजेश राना

मंगलवार, 13 मार्च 2012

नवरात्र के आहार में संयम जरूरी

अभी कुछ दिनों मैं नवरात्र शुरू होने वाले हैं ,सभी उम्र के लोग नवरात्रों मैं उपवास रखते हैं , लेकिन लोग नवरत्र के चक्र मैं खान पण का तरीका भूल जाते हैं , ऐसे मैं कभी कम तो कभी ज्यादा असमय खाना खाने लगते हैं , ध्यान नहीं रख पते कब कितना और क्या खाना है इसी को जानने के लिए ब्लॉग मैं बताई गई कुछ बातो की और ध्यान देंगे तो नवरात्रों मैं अपने आप को बड़ी ही आसानी से स्वास्थ्य और खुश रख पाएंगे |

गर्भावस्था में क्या खाएं क्या ना खाएं

Food avoid in pregnancy

जब आपको पहली बार अपनी गर्भवती होने की खबर मिलती है तो आपकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता। आप रह रहकर यह सोचती रहती हैं कि आनेवाला मेहमान कैसा होगा, उसके बारे में भावी योजनायें बनाने लगती हैं, लेकिन आपकी सबसे प्रमुख चिंता यह रहती है कि आनेवाला मेहमान सुंदर और स्वस्थ होगा कि नहीं। आप यह सोचकर परेशान रहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और कई महिलाओं को यह डर भी सताता है कि कही गर्भपात न हो जाये।

आइये, इस लेख में हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपको क्या नहीं खाना चाहिए ताकि आपके गर्भ में पलने वाला बच्चा स्वस्थ रहे और आपको गर्भपात का खतरा कम से कम हो; क्योंकि अक्सर देखा गया है कि गलत खान पान की वजह से अधिकांश महिलाओं को गर्भपात हो जाता है।

गर्भधारण के दौरान आपको जिन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए वे इस प्रकार हैं:

  • मदिरा: मदिरा के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वज़न पर, सीखने समझने की काबलियत पर, आँखों पर, अंगों पर, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
  • कैफीन: कैफीन का सेवन गर्भवती महिला में गर्भपात और बच्चे के असामयिक जन्म का खतरा बढ़ा सकता है।
  • कच्चे अंडे: कच्चे अंडों में सलमोनेल्ला जीवाणुओं का समावेश होता है जिससे आहार संबधी बीमारियाँ होने का ख़तरा बढ़ जाता है। उस खान पान के सेवन से भी बचें जिनमे कच्चे अंडे मिले हुए होते हैं।
  • पारा युक्त मछली: पारा यानी कि मरक्युरी बच्चे के मस्तिष्क के विकास में विलंब पैदा करता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।
  • पपीता : गर्भावस्था के दौरान भारतीय महिलाओं को पपीता का सेवन करने से मना किया जाता है, खासकर के अगर पपीता कच्चा या अधपका हो।
  • बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है।
  • पिसे हुए मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान घोंगा यानी कि सीपदार मछली का भी सेवन करने से बचना चाहिए।
  • बिना पाश्चरिकृत किये हुए दूध का सेवन बिलकुल भी ना करें क्योंकि उसमे लिस्टेरिया नामक जीवाणु मौजूद होते हैं जो कि गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
  • कच्चे मांस का सेवन बिलकुल भी न करें, क्योंकि कच्चा मांस आपको साल्मोनेल्ला या टॉक्सोपलॉस्मोसिस से संक्रमित कर सकता है।
  • कॉफ़ी, चाय, और कोला जैसे वातित कैफ्फिन युक्त पेयों के सेवन से भी बचना चाहिए।
  • मैदे से बनाये गए खान पान का भी सेवन न करें। उसी तरह उन खान पानों से भी बचें जिनमे शक्कर की मात्रा अधिक हो।
  • हालाँकि यह वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि अपने खान पान बड़ी मात्रा में जायफल का समावेश करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।


गर्भावस्था के दौरान हरी सब्जियां खाना बहुत हीं लाभदायक होता है लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हरी सब्जियां ताजे एवं स्वच्छ हों। इसके लिए आप बाजार से सब्जियां खरीदने के बाद अच्छी तरह से साफ पानी से दो तीन बार धो लिया करें। ऐसा करने से न सिर्फ सब्जियों पे मौजूद जीवाणु साफ हो जाते हैं बल्कि अगर उनके ऊपर किसी तरह के कीटनाशक का छिडकाव किया गया होगा तो वह भी धुल जायेगा।

आप में से बहुत सारे लोगों को ये पता होगा कि आज कल सब्जियां या फल तोड़कर कई दिनों या महीनो तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है यानि उनका संरक्षण किया जाता है। ऐसे में सब्जियों के ऊपर कई रसायन डाले जाते हैं ताकि वे सड़े गले नहीं और ताजा दिखें। कई व्यापारी सब्जियों को हरा दिखलाने के लिए उन्हें ऐसे रसायन में डुबोते हैं जिनसे सब्जियां बहुत हीं हरी एवं ताजी दिखने लगती हैं। कोई और चारा न देखकर यह ग्राहक की मज़बूरी हो जाती है कि वह उन सब्जियों को ख़रीदे लेकिन अगर आप उन्हें पानी से अच्छी तरह से धो लेते हैं तो उनसे होने वाला कुप्रभाव बहुत हद तक कम हो जाता है।

यूँ तो फल हर किसी को फायदा हीं पहुंचता है लेकिन आज कल लालची व्यापारियों की वजह से फल भी सुरक्षित नहीं रहे। उन्हें समय से पहले हीं तोड़ लिया जाता है और कई दिनों महीनो तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। कच्चे फलों के ऊपर तरह तरह के रसायन डालकर पकाया जाता है जो शरीर को हानि पहुंचाते हैं। लेकिन इंसान को मज़बूरी में ऐसे फल भी खाने पड़ते हैं क्योंकि हर जगह यह सुविधा नहीं होती कि आप पेड़ से ताजे फल तोड़कर खाएं या किसी मरीज को खिलाएं। ऐसे में अगर आपको फल खाना पड़े तो आप फलों को खूब अच्छी तरह से धो लें। यूँ तो छिलके बहुत हीं फायदेमंद होते हैं लेकिन अगर आपको शक हो कि छिलके पर बहुत ज्यादा रसायन या गंदगी हो सकती है तो बेहतर है कि आप उस फल का छिलका निकाल कर खाएं।

गर्भावस्था के दौरान अंकुरित अनाज खाने की भी मनाही होती है क्योंकि कई बार अंकुरित अनाज खाने से वैसे जीवाणु आपके शरीर के भीतर चले जाते हैं जो आपके बच्चे के लिए नुकसानदेह होते हैं।

एक बात याद रखें कि ज़रा से भी गलत आहार के सेवन से न सिर्फ आप मुश्किल में पड़ सकती हैं, बल्कि आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए सोच समझकर हीं कुछ खाएं।