मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

लहसुन एक चमत्कारिक औषधि


वैसे तो आप लहसुन खाने में रोजाना ही थोड़ा बहुत लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये आपको कितनी बीमारियों से बचाता है। लहसुन के इन्हीं गुणों को जानने के लिए पढि़ए ये स्टोरी।
लहसुन के तमाम गुणों को जानने के लिए हमने बात की मेदान्ता अस्पताल की वरिष्ठ डाइटीशियन शुभदा भनौत से। उनके अनुसार लहसुन में ये फायदे हैं।
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दिल को रखता है दुरूस्त
अगर आप दिल की बीमारियों से परेशान हैं तो लहसुन आपको इनसे बड़ी ही आसानी से छुटकारा दिला सकता है। इसमें खून को पतला करने का गुण पाया जाता है। ये दिल के दौरों को पड़ने से रोकता है।
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एक एंटीआॅक्सीडेंट
लहसुन में जो एलिसिन पाया जाता है वो निकोटीन के प्रभाव को कम करता है इसलिए स्मोकरस को लहसुन सुबह चबाने की राय दी जाती है।
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एंटीबैक्टिरीयल
लहसुन एक अच्छा एंटीबैक्टीरियल है। अगर आपको कोई ऐास इंफेक्शन है जो बार- बार परेशान कर रहा है तो लहुन का प्रयोग फायदेबमद होता
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खून का थक्का बनने से रोकता है
ये बात कई क्लीनिकल ट्राॅयल में सामने आ चुकी है कि अगर किसी का ब्लड प्रैसर बढ़ रहा है और उसने लहसुन से बना कोई भी सप्लीमेंट ले लिया तो उसका ब्लड प्रैसर 1-5 प्रतिशत तक कम हो सकता है। ब्लड प्रैसर में इतनी कमी ही आपको दिल के दौरे से 30-40 प्रतिशत तक निजात दिला सकती है।
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एंटीसेप्टिक
लहसुन का ये गुण तो लोग सदियों से बताते चले आये हैं। अगर कोई आदमी घायल है तो आप लहसुन की मात्रा उसके खाने में थोड़ी बढ़ा दीजिए और फिर उसका घाव बहुत जल्दी भरना शुरू हो जायेगा।
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काॅलेस्ट्रोल को कम करता है
काॅलेस्ट्रोल की समस्या से परेशान लोगों के लिए लहसुन का नियमित सेवन अमृत साबित हो सकता है।
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हाई ब्लड प्रेसर में उपयोगी
उच्च रक्त चाप में लहसुन बहुत उपयोगी माना जाता है। लहसुन में पाया जाने वाला सल्फाइड हाई ब्लड प्रैसर को कम करने में काफी मदद करता हैै। ये सल्फाइड लहसुन को पकाने के दौरान भी नष्ट नहीं होते। इसलिए आप सब्जी और दाल में झोंक लगाते वक्त भी इसका प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इससे इसमें पाये जाने वाले सल्फाइड नष्ट नहीं होते।
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मुंहासों से बचाता लहसुन
अक्सर युवाओं को मुहासे परेशान करते रहते हैं। ये शरीर में हार्मोनल चेंज, पेट की खराबी की वजह से हो सकते हैं। मुंहासों में लहसुन बहुत ही कारगर साबित होता है।
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कफ में लहसुन लाभदायक
ठंड या बदलते मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और जुकाम जैसी परेशानी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।
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कैंसर के खतरे को कम करता है
शुभदा भनौत बताती हैं कि लहसुन में जर्मेनियम तत्व पाया जाता है जो एंटी कैंसर के रूप में काम करता है। कैंसर के इलाज में भी डाॅक्टरस लहसुन की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हैं।
प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्निशयम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।
शुभदा बताती हैं कि अगर आप लहसुन की 2-3 की कलियों को पीसकर गर्म पानी के साथ लेते हैं तो ये आपको ओवरवेट की समस्या से छूटकारा दिलायेगा।
बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन को पीसकर दूध में उबालकर पीलायें।
लहसुन की कलियों को तवे पर भूनकर बच्चों को खिलाने से सांस की तकलीफ दूर होती है। ये 3-4 कलियों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
अगर किसी विषैले कीड़े ने आप को काट लिया है तो लहसुन को पीसकर उसको लगा लें। याद रहे गर्मी में एक घंण्टे से ज्यादा समय तक इसे त्वचा पर नही लगायें।
इन्फलूएंजा में एक लहसुन का रस पानी में मिलाकर दिन में 2-3 बार पीने से फायदा होगा।
डायबिटीज के मरीजों को अगर लहसुन और त्रिफला का 20-25 ग्राम रस सुबह-सुबह प्रयोग करने से काफी हद तक राहत मिलती है।
लकवा में मांसपेशियों को पुनः सक्रिय करने में लहसुन के तेल की मालिश फायदेमंद होती है।
अगर आपको इसकी गंध अच्छी नहीं लगती तो आप दिन में गार्लिक की 1-1 गोली सुबह शाम ले सकते हैं।
गला बैठ रहा है तो गुनगुने पानी में लहसुन का रस मिलाकर गरारे करें, गला ठीक हो जायेगा।
कुछ सावधानियां
बेशक लहसुन कुदरती खूबियों से भरपूर है। लेकिन इसे उचित मात्रा में ही लेना चाहिए। लहसुन की तासीर काफी गर्म और खुश्क होती है कुछ लोगों को रास नही आती। इसलिए इसका इस्तेमाल संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए खासकर गर्मियों में।
अगर एक या दो लहसुन की लौंग का इस्तेमाल करने पर भी इसका कोई साइडइफेक्ट हो तो इसके लिए अपने डाक्टर से सलाह लें।
अगर आपको कोई बीमारी है तो लहसुन का प्रयोग डाॅक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
मौसम के हिसाब से लहसुन को खाने में बदलाव करें। जाड़ों में लहसुन अधिक मात्रा में खाया जा सकता है लेकिन गर्मी में इसकी मात्रा सीमित करें।

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