मंगलवार, 29 जनवरी 2013

नाखूनों को दें नई जान

क्या आप भी अपने नाखूनों का प्रयोग किसी उपकरण की तरह करते है? पेपर से स्टेपलर पिन निकलना हो या   किसी चीज़ को खुरचना हो, इन सब कामों के लिए यदि आप अपने नाखूनों का प्रयोग कर रहे है तो आप गलत कर रहे है। हमारें नाख़ून, हमारी सेहत और हम अपनी कितनी केयर करते है इस बात का साबुत देते है।
आइयें, कुछ ऐसी टिप्स पर एक नज़र डालते है जो हमारे नख को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करेंगे।

क्या करें :

  • अपने खानपान पर ध्यान दें। अपने भोजन में प्रोटीन, बी विटामिन्स, कैल्शियम , जिंक और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। 
  • अपने नाखूनों की नमी को बनाये रखने के लिए उन पर पेट्रोलियम जेली को लगाये। विशेष रूप से रात में सोने से पहले अपने नाखूनों और हाथ पैरो की नमी को बनाये रखने के लिए हैण्ड एंड नेल क्रीम या पेट्रोलियम जेली का प्रयोग  अवश्य करें।
  • नियमित रूप से अपने नाखूनों को ट्रिम करते रहें। नाख़ून काटने के बाद नेल फ़ाइलर का प्रयोग अवश्य करें। 
  • नेल पोलिश का प्रयोग करें। इससे नाखूनों को मजबूती मिलेगी। बस एक बात का ध्यान रखे की आप हमेशा अच्छे ब्रांड के प्रोडक्ट का ही चुनाव करें। 
  • अच्छे ब्रांड का नियम नेल पेंट रेमोवेर के लिए भी है। सस्ते रेमोवेर आपके नाखूनों को ड्राई कर उन्हें कमजोर कर सकते है। 
  • हर 15 दिन में मैनीक्योर और पेडीक्योर अवश्य करें। 
क्या न करें :
  • आपके नाख़ून आपके शरीर का एक अंग है न की उपकरण। इसलिए  नाखूनों का दुरूपयोग करना  बंद करें।
  • नाखूनों को कुतरना बंद करें। 
  • बार-बार नेल पेंट रेमोवेर का प्रयोग न करें। 
स्पेशल टिप :
  • अगर आपके नाख़ून बहुत कमजोर है तो आप डॉक्टर से बायोटिन सप्लीमेंट लेने का परामर्श भी ले सकते है। या फिर आप बाज़ार में मिलने वाले नेल केयर प्रोडक्ट्स का भी सेवन कर सकते है। मगर किसी भी प्रकार से सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले ले। 

बुधवार, 23 जनवरी 2013

व्यायाम जो दें आँखों को आराम


हम सभी के जीवन में कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल बहुत महत्वपूर्ण हो गए है। मगर तकनीक के प्रति बढ़ते इस प्रेम की भरपाई करनी पड़ती है, हमारी आँखों को। आईये जानते है कि कैसे आप व्याम की मदद से अपनी आँखों को आराम दे सकते है।

  • सबसे पहला व्यायाम आँखों को निरंतर झपकते रहें। आप हैरान हो रहे होंगे, मगर आँखों को झपकाना एक प्रकार का व्यायाम ही है। कई बार हम कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने में इतना व्यस्त हो जाते है की हम आँखों की बेसिक जरुरत "आँखे झपकाना" भूल ही जाते है। आँखों को झपकाने से आँखों की मांसपेशियाँ एक्टिव रहती है और आँखों की पुतलियां भी ड्राई होने से बच जाती है। 
  • लगातार कंप्यूटर स्क्रीन की और देख कर काम न करें। आँखों को कुछ देर के लिए रेस्ट दे। थोड़ी देर के लिए अपनी दोनों हथेलियों से अपनी आँखों पर रख आँखों को बंद करें। अब अपनी उँगलियों से धीरे-धीरे आँखों की मसाज करे। फिर से अपनी आँखों को हथेलियों से ढकें और 10 तक गिने। अब अपनी आँखें खोले। आपको इससे आँखों के तनाव से आराम मिलेगा। 
  • एक और व्यायाम है जो आपकी थकी आँखों को आराम देगा। 20-20-20 का नियम। इसमें आपको हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर रखी किसी चीज को देखना है। इससे आपकी आँखों आराम मिलेगा और दुबार ध्यान केन्द्रित करने में भी मदद मिलेगी। 
  • कुछ कुछ देर बाद 10 से 15 सेकंड के लिए अपनी कंप्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन के अलावा किसी अन्य चीज को देखें। इससे आपकी आँखों को ब्रेक मिलता रहेगा।
  • अपनी आँख और कान के बीच के माथे के हिस्से को उँगलियों से गोलाकार में घुमाते हुयें मसाज करें। 
अन्य बातें :
  • बार बार आंखो को पानी से धोएं।
  • यदि आप कंप्यूटर पर काम करते है तो अपने कंप्यूटर के फॉण्ट का साइज़ बढ़ा कर कार्य करें। 
  • कंप्यूटर की स्क्रीन का लेवल और आपकी आँखों का लेवल सामान होना चाहिए।
  • लैपटॉप को गोद में रख कर काम न करें।
  • कम रोशनी में काम न करें। 

सोमवार, 21 जनवरी 2013

पांच बेसिक कदम और आपके पैर

मौसम चाहे जो हो, हम सभी को अपने पैरों का ध्यान रखना चाहिए। आइये आज हम जानते है की गर्मी के इस मौसम में कैसे हम अपने पैरों को स्वस्थ रखें।
  1. हमेशा अपने परों को साफ़ रखे। यदि आप बाहर से घूम कर आ रहें है तो सबसे पहले अपने पैरों को धोएं। पैरों का साफ रहना बेहद जरुरी है।
  2. घर हो चाहे बाहर, कभी भी नंगे पैर न घूमें। विशेष रूप से मिट्टी या रेतीली जगह पर। 
  3. जुराबें पहने, मगर कॉटन की। इससे आपके पैरों की स्किन को आराम मिलेगा।
  4. रात में सोने से पहले पैर अवश्य धोएं। पैरों को अचे से साफ़ करने के बाद मौश्चराइज़र अवश्य लगाएं।
  5. 15 दिन में एक बार पेडीक्योर कराएँ। या फिर घर पर ही अच्छे से स्क्रब कर पैरों को साफ़ करें।
इन पांच कदमों के अलावा, हमेशा सही फिटिंग के और आरामदायक जुटे या सैंडल्स ही पहने। 

मंगलवार, 15 जनवरी 2013

जल बिन सब सून


जल ही जीवन हैं, इसके बावजूद भी हमारें लिए पानी सिर्फ पानी ही  तो है। हम सभी पानी को सबसे कम प्राथमिकता देते है जबकि जल के बिना किसी भी जीव का जीवित रह पाना असंभव है। खासतौर परसर्दियों के मौसम में पानी को हम और भी कम महत्त्व  देते हैं। आईये जानते है क्यों जरुरी है पानी हमारे लिए :

पानी हमारे शरीर में एक हाईवे की तरह कार्य करता है। हमारे शरीर में बहता खून का एक हिस्सा पानी होता है। साथ ही शरीर के सभी अंगों तक पोषक तत्वों को पहुँचाने का ये एक जरिया है। 

क्यों पीयें पानी :
  • पानी वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। पानी शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित कर वजन को संतुलित करता है। 
  • आपकी प्यास इस बात का सिग्नल होता है की आपका शरीर डिहाइड्रेट हो रहा है। 
  • अगर आप अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त करना चाहते है तो पानी पीजिए। 
  • यदि आप अपनी स्किन को स्वस्थ करना चाहते है तो खूब सारा पानी पिए। 
  • पानी कई प्रकार के कोलन कैंसर से बचाव करता है। 
  • यदि आपके शरीर में पानी की कमी रहती है तो आप जल्दी थक जाते है या फिर सिर दर्द की समस्या से परेशान हो सकते है।
क्या करें :
  • जितना संभव हो सके पानी पिए। अगर आपकी समस्या है की आपको प्यास नहीं लगती है तो टाइम देखकर पानी पिए। हर 20 से 30 मिनट में आधा गिलास पानी पियें। 
  • पानी की जगह आप नीबू पानी, नारियल पानी और फलों के रस  को भी पी सकते है। 
क्या न करें :
  • चाय, कॉफ़ी और किसी अन्य प्रकार के ड्रिंक्स को पीने से शरीर में पानी का स्तर कम होता है न की ज्यादा। इसलिए यदि आप इनका सेवन कर रहे है तो आप अपने शरीर को ड्राई  कर रहे है। 
स्पेशल नोट : 

हमारे शरीर को पानी की जरुरत हर मौसम होती है। यह न सोचे की सर्दी के मौसम में पसीना नहीं आता है इसलिए कम पानी पिने से भी चलेगा। सर्दी के मौसम में होने वाली ड्राई स्किन और पेट सम्बन्धी परेशानी सभी पानी की कमी के  ही होती है। यदि आप अपने सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रखना चाहते है तो खूब सारा पानी पिए। 

शनिवार, 12 जनवरी 2013

जब आपके पेट्स हो अकेले


समय की कमी के कारन हर ट्रिप का प्लान बड़ी मुश्किलों के बाद जाकर बनता है। घुमने के लिए जगह फाइनल करना, टिकेट बुक करना, आदि करने के बाद जब आप चैन की सांस लेते है तब आपको ध्यान आता है कि  आपके पेट्स का क्या होगा? आप अपने पेट्स को कहाँ छोड़ेंगे? अपने पेट्स को अकेले छोड़ कर जाना वाकई में परेशान का कारन बन सकता है। इससे कैसे निपटे आइये जानते है:

जब भी किसी सफ़र की बात आती है सबसे पहला सवाल उठता है कि अपने प्यारे पेट्स को किसके पास चोकर जाया जाए। कई बार केवल इसे परेशानी के कारण कई प्लान्स बनते बनते बिगड़ जाते है। अपने पेट्स को छोड़ कर जाने का मन तो किसी का नहीं करता है मगर उसे हर बार साथ लेकर जाना भी संभव नहीं होता है। ऐसे में आप क्या करें, आयी एक नज़र डालते है:

जब पेट्स साथ हो:

अगर आप अपने पेट्स को साथ लेकर जा रहे है तो इन बातों पर ध्यान दे:

  • पहले से प्लान बनाने का प्रयास करें। यदि आप अपने किसी ओसत या रिश्तेदार के पास जा रहे है तो अपने पेट्स को लेकर जाने में कोई परेशानी नहीं है मगर यदि आप किसी ऐसे सफ़र पर जा रहे है जहाँ आपको होटल में रुकना है तो इस आत का पता लगा ले की होटल में पेट्स को लेकर जाने की अनुमति है या नहीं।
  • सफ़र पर निकलने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले ले। साथ ही अपने पेट्स की दवाइयां अपने साथ अवश्य ले ले। 
  • पेट के खाने पिने का सामन और खिलौने अपने साथ ले कर के चलें। खाने पिने का सामन इतना ले ले की सफ़र के बीच में ख़त्म न हो। 
  • अपने पेट का बिस्तर अपने बेड के साथ ही लगाये ताकि आपके पेट को अनजान जगह का दर न लगे। 
जब पेट्स घर पर रहें:

अगर स्थिति कुछ ऐसी हो जाए कि  आप अपने पेट्स को अपने साथ लेकर नहीं जा सकते है तो इन क़दमों को उठायें -
  • अगर आप अपने पेट को किसी रिश्तेदार के पास छोड़ रहे है प्रयास करें कि  आपके घर पर आकर रहे। यदि ऐसा संभव न हो तो जिस किसी के घर पर आप अपने पेट को छोड़ रहे है उस व्यक्ति से उसे 2-3 दिन पहले ही मिला दे ताकि आपका पेट जगह और व्यक्ति दोनों को पहचान जाएँ।
  • घर से निकलने से पहले उसके खाने-पिने का सब सामान रख जाएँ।
  • अगर आप अपनी जेब थोड़ी सी ढीली कर सकते है तो अपने पेट को पेट्स सेंटर में रखे। यहाँ का प्रशिक्षित स्टाफ आपके पेट का पूरा ध्यान रखेंगे। 
  • ट्रिप से वापस आने पर अपने पेट के लिए गिफ्ट अवश्य लाये।
पेट्स आपके सबसे प्रिय होते है, उनके लिए बेहतर विकल्प का चुनाव करें ताकि आपका पेट इस ट्रिप का आनंद उठा सकें। 

बुधवार, 9 जनवरी 2013

सर्दी में करें यूं हेयर केयर


जिस तरह हमारी स्किन मौसम के बदलाव से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकती है, ठीक उसी तरह हमारे बाल भी मौसम की मार से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते है। सुहाना और ठंडा लगने वाला यह मौसम आपकी स्किन और बाल दोनों को ही ड्राई कर देता है। आईये आज हम सभी कुछ ऐसी बातों पर नज़र डालते है जो इस सर्द मौसम में भी आपके बालों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

हॉट आयल मसाज :

सर्दी के मौसम में बाल अक्सर बहुत ड्राई हो जाते है इसलिए नियमित रूप से बालों पर तेल लगायें।  तेल को सिर पर लगाने से पहले थोड़ा सा गर्म कर ले। गर्म तेल की मालिश करने से आपको आराम मिलेगा साथ ही इससे आपके बालों की खोई नमी की समस्या भी दूर होगी। ताल आपके बालों की जड़ों तक पहुँच सके इसके लिए जरुरी है की आप कम से कम 2 घंटे तक बालों पर तेल को लगे रहने दे।

ज्यादा शैम्पू का प्रयोग न करें : 

बार-बार या ज्यादा शैम्पू के प्रयोग से बाल ड्राई हो सकते है इसलिए कम शैम्पू का प्रयोग करें। साथ शैम्पू के बाद कंडीशनर का प्रयोग करना बिलकुल भी न भूले। यह बालों की नमी को बनाये रखने में मदद करेगा।

गीले बालों में बाहर जाने से बचे: 

जहाँ तक संभव हो बाल गीले होने तक बाहर न जाएँ। यह आपकी सेहत और बाल दोनों के लिए ही ठीक नहीं है। अपने बालों को प्राकृतिक रूप से सूखने दे। ज्यादा हेयर ड्रायर का प्रयोग आपके बालों को ड्राई  और बेजान बना सकता है। अगर हेयर ड्रायर का प्रयोग करना बहुत ही जरुरी हो तो उसे कुलिंग या एयर मोड पर ही चलायें।

सिर को ढकें:

यदि आप अपने बालों को सर्द हवाओं के प्रकोप से बचाना चाहते है तो बाहर जाने से पहले अपने सिर को स्कार्फ या टोपी से अवश्य ढक ले।

स्पेशल टिप :

अगर संभव हो तो 15 दिन में एक बार हेयर मास्क का प्रयोग करें, ये आपके क्षतिग्रस्त बालों को स्वस्थ बनाने में सहायक साबित होगा।

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

जब बात हो आपकी और आपके डॉक्टर की

हमारे समाज में हम अक्सर डॉक्टर के पास तभी जाते हैं, जब हम किसी स्वास्थ्य समस्या से बज्हुत ज्यादा परेशान हो जाते है। अक्सर हमारी कोशिश यहीं रहती है कि हम जितना संभव हो सकें इस मुलाकात को आगे की और बधास्ते जाएँ। और यहीं कारण होतो है कि हमारे पास समस्याओं का भण्डार होता है, जिन्हें डॉक्टर से मिलने पर भूलना कोई बहुत अदि बात नहीं है। आईये, मूलचंद मेडिसिटी के इंटरनल मेडिसिन, कन्सलटेंट डॉ विरेन्द्र आनंद से इस लेख में जानने का प्रयास करते है कि  आपका आपके डॉक्टर के साथ कैसा रिश्ता होना चाहिए। 

डॉक्टर्स हमारे शरीर को स्वस्थ बनायें रखने में मदद करते है। इसके बावजूद भी, हम अक्सर उनसे दुरी बनाएं रखते है। जोकि गलत है। हमें प्रयास यहीं करना चाहिए कि जब भी किसिस स्वास्थ्य समस्या या अपने भीतर कोई शारीरिक व मानसिक बदलाव देखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

कब ले सलाह:

स्वयं डॉक्टर न बनें। यह एक ऐसा नियम है जिसे हम सभी को सिखने की सबसे ज्यादा जरुरत है। अक्सर हम डॉक्टर की फीस खर्च, समय की बर्बादी और परेशानी से बचने के लिए डॉक्टर के पास जाने से बचते रहते है। हमें जरुरत इस बात की है कि हम अपने लक्षणों को मंदेखा न करें। अब सवाल उठता है कि  कब ले डॉक्टरी परामर्श -

  • किसी भी प्रकार के शारीरिक बदलाव। जैसे - वजन का अचानक बढ़ना या कम होना।
  • चक्कर आने पर या कमजोरी महसूस होने पर।
  • किसी प्रकार के घाव का लम्बे समय तक ठीक न होने पर। 
  • बबर-बार सर्दी-जुकाम या बुखार आने पर।
  • इसके आलावा, अन्य लक्षण जैसे- सोते समय पसीना आना, तेज सर दर्द रहना, बेहोशी आना, आदि।
कैसे करें मिलने की तैयारी:

जिस तरह आप अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से मिलने से पहले थोड़ी बहुत तैयारी करते हसी, ठीक उसी तरह किसी डॉक्टर से मिलने से पहले कुछ तैयारी करना जरुरी है।
  • जब भी डॉक्टर के पास जाना हो, सबसे पहले अपनी सुविधा के अनुसार डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लें। कई बार समय की कमी या व्यस्तता के कारन हम अपॉइंटमेंट लेने के बाद भी हम डॉक्टर से मिल नही पाते है। इसलिए अपॉइंटमेंट अपनी सुविधा के अनुसार ही लें।
  • हमेशा अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को कागज पर लिख ले। इस बात की सलाह सभी डॉक्टर भी देते है। यह बिलकुल भी न सोचें कि आप अपने सवालों को याद रख पाएंगे। खासतौर पर यदि आप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जा रहे है तो पूछे जाने वाले सवालों को अवश्य लिख ले। लिखने के कारन आप अपनी किसी भी समस्या पर चर्चा करना भूलते नहीं है।
  • यदि आप डॉक्टर से दुबारा मिलने जा रहें है तो डॉक्टर द्वारा नोट की जाने वाली बातों का रिकॉर्ड भी साथ लेकर जाएँ। जैसे- तेज बुखार होने पर यदि डॉक्टर आपसे दवा के सेवन के साथ-साथ हर चार घंटे में तापमान नोट करने की सलाह दें तो इसका एक रिकॉर्ड अवश्य बना ले। इस रिकॉर्ड को अपने साथ लेकर जाएँ। 
  • अपने स्वास्थ्य समस्या सम्बन्धी रिकार्ड्स व डॉक्टर का परचा अवश्य लेकर के जाएँ।
डॉक्टर से मिलने पर :

डॉक्टर से मिलने पर हड़बड़ाए नहीं। बल्कि आप जिस काम के लिए डॉक्टर के पास आयें है उसे निश्चिन्त होकर करें ताकि आपको अपनी समस्या से निजात इल सकें। 
  • सबसे पहले अपने स्वास्थ्य समस्या की जानकारी विस्तार में डॉक्टर को दे। याद रशें की आप अपने डॉक्टर को सही जानकारी दें। जैसे यदि आप किसी समस्या से पिछले दो महीनों से परेशान है तो समस्या की समय अवधि दो महीने ही बताये न की एक सप्ताह। आपके द्वारा दी गयी जानकारी और लक्षणों के आधार पर ही डॉक्टर आपका इलाज करता है। इसलिए शर्मायें नहीं और अपनी समस्या को विस्तार में बताएं। 
  • एक-एक कर अपने लिखे सवालो पर चर्चा करें। 
  • एक प्रश्न करने के बाद डॉक्टर का जवाब सुने। जब भी डॉक्टर आपको किसी बात की जानकारी दे, तो उसे ध्यान से सुने और बार -बार बात को न काटे। यदि आप कोई सवाल करना चाहते है तो बातचीत के अंत में करें। 
  • यदि आप अपनी समस्या का इलाज किसी अन्य डॉक्टर से करा रहे थे तो इस बात की जानकारी भी अपने नये डॉक्टर को दे। 
  • बात समझ न आने पर सवाल करें। मौन रहने से आपकी समस्या का कोई हल नही मिल पायेगा। 
  • अपॉइंटमेंट ख़त्म होने से पहले डॉक्टर से यह अवश्य पुच ले की आपको दुबारा कब आना है। साथ ही डॉक्टर का नंबर लेना न भूले। ताकि आपात स्थिति में सीधे डॉक्टर से बात की जा सकें। 
मिलने के बाद:

डॉक्टर से एक बार मिलकर आने के बाद चीजों को न भूले। जैसे -
  • डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाइयों का सेवन सही मात्र में सही समय पर करें।
  • दवाइयों का कोर्स पूरा ले। 
  • यदि किसी दवाई का सेवन करने से कोई परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर इ फ़ोन पर बात करें।
  • दुबारा बुलाये जाने पर डॉक्टर से जाकर अवश्य मिले। 
हर आम व्यक्ति की तरह डॉक्टर भी कुछ चीजो को भूल सकते है। जल्दाज़ी, हडबडाहट और किसी विषय पर चर्चा करने में महसूस होने वाली शर्मिंदगी, समस्या से निजात पाने में बाधा बन सकती है। इसलिए सही तैयारी करें और सभी स्वास्थ्य समस्याओं पर बिना डरे डॉक्टर से चर्चा करें। 

मंगलवार, 1 जनवरी 2013

लाएं जीवन में रिफ्रेशिंग ट्विस्ट


आपकी सुबह जैसी होगी, आपका दिन भी वैसा ही होगा। जिस तरह किसी इमारत की मजबूती बुनियाद पर निर्भर करती है। ठीक तरह आपका दिन कैसा होगा ये आपकी सुबह पर निर्भर करता है। कई बार अपने इस बात नोटिस किया होगा कि जिस सुबह परेशान होकर उठाते है, वो दिन आपका बहुत ही ख़राब गुजरता है। आइये, कुछ बदलावों के साथ अपने दिन को या यूँ कहें अपने जीवन को एक रिफ्रेशिंग स्टार्ट देते है।

बदले अपना अलार्म ट्यून:

हम सभी चाहते है कि हम सुबह समय पर जागे। और इसी मिशन को पूरा करने के लिए व गहरी नींद को तोड़ने के लिए हम तेज या कर्कश आवाज वाले अलार्म ट्यून को अपनी घडी या मोबाइल पर सेट करते है। हालांकि ऐसी धुनों वाले अलार्म पर आप जाग तो जाते है मगर यह आपके सोये हुए शांत दिमाग को एक झटका देते है। इससे बचने के लिए जरुरी है कि आप ऐसी धुनों को अलार्म के लिए सेट करें जोकि मधुर हो। साथ ही इस बात का भी ध्यान दें कि आप जितने बजे जागना चाहते है, उससे करीब 15 से 20 मिनट पहले का अलार्म लगायें ताकि आप सही समय पर बिना किसी हड़बड़ी के उठ पाएं।

पाएं पॉजिटिव एनर्जी:

हर सुबह शांत मन से उठे। अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और अपनी आँखों  को हथेलियों से ढकें। अब हाथ-पैरों को थोडा सा स्ट्रेच करें। गहरी सांस ले, ईश्वर को याद करें और आराम से बिस्तर से उतरें। सुबह-सुबह उतावलापन दिखाने से न तो आपका शरीर आपका साथ देगा और न ही आपका दिमाग। इसलिए शांत मन से शांति के साथ शुरुआत करें।

खामोश रहें:

एक नियम बना लें कि आप सुबह उठाते ही टीवी या न्यूज़ नहीं देखेंगे।अक्सर न्यूज़ नकारात्मक चीजों को दिखाती है जोकि आपके मन में नकारात्मक सोच का संचार करती है। साथ ही प्रयास करें कि आप सुबह के कम से कम दो घंटे खामोश रहेंगे या कम से कम बोलेंगे ऐसा करने से आप अपनी शक्ति और ऊर्जा को बचा कर रखते है जिसका प्रयोग आप बाकी दिन के कार्यों को करने में कर सकते है।

व्यायाम करें:

हम सभी के पास समय की कमी है। मगर यह जरुरी है कि हम सभी हर रोज 15 से 20 मिनट व्यायाम करने के लिए निकालें। व्यायाम करने से शरीर के सभी अंगों में रक्तसंचार दुरुस्त होता है और आप अपने आपको फिट महसूस करते है।

ब्रेकफास्ट करें:

जल्दबाजी के चक्कर में हम सभी ब्रेकफास्ट करना छोड़ देते है। जबकि सुबह-सुबह खाना खाना बहुत जरुरी है। ब्रेकफास्ट आपको एनर्जी देता है। साथ ही जो लोग ब्रेकफास्ट करते है,वे ज्यादा फिट और स्वस्थ रहते है।इसके अलावा पानी पीना बिलकुल भी न भूलें। जंक फ़ूड से बचें और हैल्दी खाना खाएं।

स्ट्रेस न लें:

अपनी प्राथमिकताओं को समझे और उसके अनुसार कार्य करें। यह आपके स्ट्रेस को कम करने में आपकी मदद करेगा। साथ ही छोटी-छोटी समस्याओं पर परेशान न हो बल्कि शांति और धैर्य के साथ उनका हल खोजने का प्रयास करें।

उमींद करते है कि यह चंद कदम आपके बोरिंग व परेशान जीवन को एक रिफ्रेशिंग स्टार्ट देगा।