मंगलवार, 29 अप्रैल 2014

समर स्किन मिथक से बचें

गर्मियां यानी स्किन डार्कनिंग, टैनिंग और रशेस की परेशानी का दौर शुरू होना। कई बार बहुत से प्रसाधन का प्रयोग करने के बाद भी हम अपनी स्किन और ब्यूटी को गर्मियों के प्रकोप से नही बचा पाते है। इसका कारण है हमारी सोच और हमारा अंदाजा। आइयें जानते है ऐसे कौन से स्किन सम्बन्धी मिथक है जिन्हे जानना हमारे लिए जरुरी है। 
 
सनस्क्रीन :
 
यह सही है की सनस्क्रीन लगाने से आप अपनी स्किन को धूप के प्रकोप से बचा सकते हो मगर केवन सनस्क्रीन पर भरोसा न करें। अपनी स्किन को बचाने के लिए यह जरुरी है की आप सनस्क्रीन का प्रयोग घर से बाहर निकलने से करीब 30 से 40 मिनट पहले करें ताकि आपकी स्किन पूरी तरह से सनस्क्रीन के बचाव से आ सके। इसके अलावा, इस बात की भी ध्यान रखे की चाहे आप अपनी स्किन पर कितना ही सुंक्स्क्रीन क्यों न लगा ले उसके धुप के सीधे संपर्क में आने से बचाये। 
 
रि-अप्लाई :
 
अपनी स्किन पर एक बार सनस्क्रीन लगा कर निश्चिन्त न हो उसे हर दो घंटे में दुबारा अवश्य लगाये। 
 
वाटर प्रूफ सनस्क्रीन :
 
अगर आप स्विमिंग करते है तो इस बात का हमेशा ध्यान से कि वाटर प्रूफ सनस्क्रीन का प्रयोग करने के बावजूद जब  भी पूल के बाहर आएं सनस्क्रीन अवश्य लगाये। 
 
हेयर केयर :
 
स्किन के साथ अपने बालों को भी बचाये। गर्मियों में बालों को धुप के सीधे संपर्क में न आने दे।  हैट, स्कार्फ़ या छतरी का प्रयोग कर अपने बालों को बचाएं। साथ ही बालों को कंडीशनर करना न भूले। 
 
 


सोमवार, 21 अप्रैल 2014

पाएं इन्हेलर ज्ञान

इन्हेलर्स, एक छोटा सा उपकरण है। मगर एक अस्थमा रोगी के लिए यह जीवनदान से कुछ काम नहीं है। इन्हेलर कितने लाभकारी हो सकते है और इनका प्रयोग कैसे करें, आइयें इस पर एक नज़र डालते है। 
 
कैसे करते है काम :
 
इन्हेलर, अस्थमा और फेफड़ों या लंग सम्बन्धी स्वास्थ्य समस्याओं में काफी लाभकारी साबित होता है। दरअसल जब आप इन्हेलर का प्रयोग करते है तो इसके प्रयोग से दवाई सीधे फेफड़ों तक पहुचती है। यानि जिस जगह दवाई को पहुचना होता है दवाई सीधे वहीँ पहुचती है।  सरल भाषा में इनहेलर के प्रयोग से फेफड़ों को तुरंत आराम मिलता है जिस कारण यह अन्य दवाइयों से ज्यादा प्रभावी हो जाते है। 
 
साथ ही सीधे असर डालने के कारण यह बहुत काम मात्रा में भी बहुत प्रभावी होते है।  मगर इनका लाभ तभी मिलता है जब आप इसका प्रयोग सही ढंग से करें।

प्रकार :

इन्हेलर के कई प्रकार होते है।  आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है इसकी जानकारी आपका डॉक्टर देता है।  डॉक्टर आपकी समस्यां की गंभीरता को देखते हुए ही आपको इन्हेलर का परामर्श देता है।  याद रहें कि आप डॉक्टर द्वारा दिए गए इनहेलर का ही प्रयोग करें। 


इनहेलर का प्रयोग करने से आपके सिकुड़े हुए एयरवेज खुल जाते है जिस कारण  या अन्य श्वास संबधी समस्याओं को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

सही तकनीक :

यह बहुत जरुरी है कि आप इनहेलर का प्रयोग सही तरीके से करें।  इनहेलर तभी प्रभावी होते है जब आप सांस भीतर लेते हुए इसे प्रेस करते है।  यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो दवाई फेफड़ों में जाने की बजाय आपके गले या फिर आपके मुह से ही रह जाएगी जोकि धीरे धीरे आपके शरीर में चली जाएगी।  इसलिए सही तकनीक का प्रयोग करना बेहद जरुरी है। अगर दवाई लंग्स या फेफड़ों में जाने की बजाय शरीर में जाती है तो इस्सके साइड इफ़ेक्ट भी देखने को मिल सकते है।  इसलिए सही तकनीक को अपनाना जरुरी है।

इनहेलर से आपको लाभ मिले इसके लिए अपने डॉक्टर से सही तकनीक और सही इनहेलर की जानकारी अवश्य ले। 

मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

फ़ूड फॉर स्टैमिना

क्या आप काम का  नाम सुनते ही थकान महसूस करने लगते है ? क्या आपको लगता है कि आपका स्टैमिना काम होते जा रहा है? अगर हाँ तो घबराएं नहीं आज हम कुछ ऐसे खाने की विकल्पों के बारें में चर्चा करने जा रहे है जिसकी मदद से आपका स्टेमिना में सुधार आएगा। 
 
  • केला - ऊर्जा के बेहतरीन स्रोत केला होता है। इसलिए यदि आप एक्सरसाइज करना चाहते है या फिर आप रनिंग या कोई अन्य शरीर को थकाने वाली गतिविधि करना चाहते है तो केला आपके शरीर को ऊर्जा देने में मदद करेगा। शरीर को थकने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि को करने से कुछ देर पहले केले का सेवन अवश्य करें। 
  • पीनट बटर - इसका पाचन धीरे धीरे होता है और यह भी ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है। 
  • चुकंदर का जूस - यह विटामिन ए और सी का बेहतरीन स्रोत है और इसके सेवन करने से भी शरीर का स्टेमिना भी बढ़ता है। 
  • ओटमील - ओटमील का सेवन करने से भी शरीर की शक्ति बढ़ती है। इसमें काम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट होता है इसलिए इसका पाचन धीरे धीरे होता है जिसकी वजह से पेट भरे होने का अहसास और शक्ति में कमी न होने लगता है। 
  • हरी सब्जियां - हरी सब्जियों में फाइबर और विटामिन सी होता है। इससे पेट के भरे होने का अहसास होता है और विटामिन सी से शक्ति मिलती है। 
  • सेब - सेब से शरीर में हीमोग्लोबिन की संख्या बढ़ती है जिसके कारण शरीर में ऊर्जा और शक्ति का स्तर गिरता नहीं है। 
  • पानी - यदि आप स्टेमिना को बढ़ाना चाहते है तो अपने शरीर में पानी की मात्रा को बनाये रखें। खूब पानी पिए और स्वस्थ रहें। 

सोमवार, 7 अप्रैल 2014

जागे खूबसूरती के साथ

अगर सुबह की शुरुआत अपना सुन्दर और खिलखिला चेहरा देख कर हो तो बात ही क्या है। आइये जानते है की ऐसे कौन से कदम उठायें ताकि आपका दिन खूबसूरती के साथ हो।
 
  1. सबसे पहले सोने से पहले हमेशा अपने चेहरे की क्लींजिंग अवश्य करें। इससे दिनभर की गंदगी और मेकअप से आपके चेहरे की स्किन को मुक्ति मिलेगी। इससे आपके चेहरे की स्किन को साँस लेने का मौका मिलेगा और आपकी स्किन जल्दी रिपेयर भी हो पायेगी। 
  2. सप्ताह में एक बार रात में सोने से पहले स्क्रब करें ताकि डेड स्किन से निजात पाया जा सकें। 
  3. यदि आप दिन भर बाहर धूल में रहें है तो सोने से करीब दो घंटे पहले बाल अवश्य धो ले। ताकि सोने तक आपके बाल सूख जाएँ। 
  4. अपने बालो को खोल कर सोएं। टाइट बंधे बाल टूट कर कमजोर हो जाते है। 
  5. सोने से पहले अपने हाथ पैरों पर मॉश्चराइजर अवश्य लगाये ताकि आपकी स्किन की नमी बनी रहती है। 
  6. दांतों की सफाई को भी अनदेखा न करें। सोने से पहले दांतों को अच्छे से साफ़ अवश्य करें। 
  7. अच्छी नींद ले। अच्छी नींद आपकी स्किन को निखारने में आपकी मदद करता है। 
यह सात कदम यदि आप हर सप्ताह के सातों दिन अपनाते है तो आपकी स्किन में एक नई ताजगी दिखेगी। 

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

मैनेज करें अपना टाइम

टाइम की कमी का गाना हम सभी गाते है। मगर क्या वाकई में केवल टाइम की कमी के कारण ही आप काम पूरे नहीं हो पाते है या फिर आप समय पर काम नहीं करते है इसलिए आपके पास टाइम की कमी है। "टाइम मैनेजमेंट" एक ऐसा उपाय है जिसके दम पर आप बहुत कुछ कर सकते है। आइये जानते है कि टाइम मैनेजमेंट क्या है और यह कैसे लाभकारी साबित हो सकता है। 
 
टाइम मैनेजमेंट का अर्थ है अपने टाइम को मैनेज करना। यानि अपने समय को इस तरह से बाँटना ताकि आपके सभी कामों को समय मिल सके और आप समय पर अपने काम पूरे कर सके। सभी के पास केवल 24 घंटे ही होते है जिन्हे यदि ठीक से बांटा जाएँ तो आप समय रहते सब काम कर सकते है। 
 
कैसे करें टाइम मैनेज :
 
  • प्राथमिकता को समझे 
अपनी प्राथमिकताओं को समझे। यदि आपको अपनी प्राथमिकताओं का ज्ञान हो जायेगा तो आप उन् चीजों में समय बर्बाद नहीं करेंगे जिन्हें आप बाद में भी कर सकते है। इसलिए अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार एक लिस्ट तैयार करें। अब जिस काम को कैनरा सबसे ज्यादा जरुरी है उसे सबसे पहले करे और जिसका महत्त्व सबसे कम है उसे सबसे बाद में।  ऐसा करने पर आप उन् कामों को पूरा समय दे पाएंगे जिन कामों को आपको देना चाहिए। 
 
  • अपनी क्षमता को समझे 
लिस्ट को बनाते समय इस बात का ध्यान रखे कि आप वास्तविकता को ध्यान में रखे और उसके अनुसार ही अपने लक्ष्य का निर्धारण करें। जिसे यदि आपको यह लगता है कि आप कोई काम 30 मिनट में कर सकते है तो लिस्ट में उस कम को 45 मिनट का समय दे। 30 मिनट में होने वाले काम को यदि आप 15 या फिर 20 मिनट का समय देंगे तो आप खभी भी अपने द्वारा बनायीं गयी लिस्ट को पूरा नहीं कर पाएंगे। 
 
 
लाभ :
  • काम समय पर पूरे होंगे। 
  • तनाव भरी परिस्थितियों में आने से बच जायेंगे। 
  • आपको इस बात की जानकारी भी मिलती रहेगी कि आप अपने काम को कितने समय और कितनी निपुणता के साथ कर पाते है। 
  • टाइम मैनेजमेंट से काम पूरा करने पर आपको संतुष्टि मिलेगी और आपको एक ख़ुशी मिलेगी। तनाव कम होगा और स्वस्थ रहेंगे। 
टाइम मैनेजमेंट के नियम को अपनाएं और स्वस्थ बन जाएँ।